छाप तिलक सब छीन ली रे मोसे नैना मिलिके छाप तिलक सब छीन ली रे मोसे नैना मिलिके प्रेम बत्ती का मदवा पिलैएके मतवाली कर लीनी रे मोसे नैना मिलिके गोरी गोरी बय्याँ, हरी हरी चुरियाँ बय्याँ पाकर धर लीनी रे मोसे नैना मिलिके बल बल जाऊं में तोरे रंग रजवा अपनी सी कर लीनी रे मोसे नैना मिलिके खुसरू निजाम के बल बल जय्यिये मोहे सुहागन कीनी रे मोसे नैना मिलिके छाप तिलक सब चीनी रे मोसे नैना मिलिके
ख़ुसरो दरिया प्रेम का, उलटी वा की धार, जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार.
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